शब्दों में नहीं महज़ आंखें से बतियाता हूं। शब्दों में नहीं महज़ आंखें से बतियाता हूं।
खामोशी भरा प्यार ,घुल रहा ....मद्धम - मद्धम ,साँसों के आरपार! खामोशी भरा प्यार ,घुल रहा ....मद्धम - मद्धम ,साँसों के आरपार!
कि बंद होठों से खुले आँखों का ख्वाब गवाही ना दे... कि बंद होठों से खुले आँखों का ख्वाब गवाही ना दे...
शयद नसीब में लिखा अपना साथ नहीं। शयद नसीब में लिखा अपना साथ नहीं।
कुछ लफ्ज़ सजा लूँ तेरे लिए कुछ लफ्ज़ सजा लूँ तेरे लिए
close lips are dangerous . close lips are dangerous .